कुछ यूं देखता हूं अपनी जड़ों कोकुछ ऐसे बसी है मेरी मिट्टी मेरे अंदरबिहार के कुछ ऐसे सहेजा है मैंने ...
बिहार पर पहली बार कुछ बनाया है
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