आओ बातें करे

Thursday, November 11, 2010

जय छठी मइया


त्योहार जीवन में उर्जा भरते हैं...उसे तरोजाता रखते हैं...त्योहार अपने साथ धूम-धड़ाका लेकर आते हैं...लेकिन धूम-धड़ाके के बीच ही ये परंपरा को सदियों तक सहेजे रहते हैं...हर उस चीज के प्रति आभार व्यक्त करते हैं जिसकी बदौलत जिंदगी चलती रहती है...कार्तिक मास की शुक्ल चतुर्थी से सप्तमी तक ब्रह्म और शक्ति के पूजन के लिए छठ किया जाता है...ब्रह्म के रूप में सूर्य और शक्ति स्वरूपा छठी मइया देवी की पूजा उन्हीं चीजों के प्रति आभार है जिसकी वजह से जीवन की धारा बहती जा रही है.... आदिशक्ति को साक्षी मानकर सूर्य की उपासना की जाती है....निर्जला व्रत धारण किया जाता है...बच्चों की सलामती के लिए गीत गाए जाते हैं...छठ पुजा आस्था का अनोखा उदाहरण है...जीवन को संचालित करने के लिए प्रकृति से जो नेमते इंसान को मिलती रही हैं, उसके लिए प्रकृति और परमात्मा का धन्यवाद करने का छठ पुरबिया अंचल के लोगों का अनोखा तरीका है...छठ पूजा का नाम सुनते है ही...मन में पवित्रता का एहसास उमड़ता है..डुबते और उगते सूर्य की आभा में आस्था का सूरज निकलता है.. जो जिंदगी और खूबसूरत बना देना देता है...

No comments: